अब सीमांकन कार्य टोटल मशीन द्वारा निजी कम्पनियों से कराया जायेगा, सरकार द्वारा इस बात पर तेजी से विचार किया जा रहा है. यह एक अच्छा विचार है, लेकिन जैसा कि हम जानते हैं यह एक टेक्निकल कार्य है, जिसमें plane surveying , geodetic surveying, geo-referencing आदि की knowledge अति आवश्यक है.
सीमांकन का कार्य राजा टोडरमल के ज़माने से जरीब द्वारा किया जाता रहा है.
जैसा कि हम जानते हैं सीमांकन कार्य के लिए हमें दो चीजों की आवश्यकता होती है -
1. मापन की पद्धति जैसे jareeb ,totol station ,dgps आदि
2. कम से कम दो fixed reference पॉइंट्स (चांदा, मुनारा )
मापन के लिए जरीब का इस्तेमाल पहले से किया जाता रहा है, परन्तु आधुनिक युग में मापन के लिए अत्याधुनिक instruments आ गये हैं, जैसे, totol station, dgps आदि,
जैसा कि हम जानते हैं मापन के लिए तो आधुनिक इंस्ट्रूमेंट्स मौजूद हैं, परन्तु चांदा पत्थर न होने के कारण सही सीमांकन करने में बाधा उत्पन्न होती है.
टोटल स्टेशन द्वारा सीमांकन कार्य करना:-